...

9 views

हो सके तो..
फिर उसी हँसी राह पे अगर हो सके तो
तुम नहीं मिलोगी,देखो मगर हो सके तो

न मिला हैं न मिलेगा हम-दर्द मुझे मगर
कट जाए आँसुओ का सफर हो सके तो

धूप बहुत है राह में उसूलों की आजकल
तुम ख़ैरियत से रखना शज़र हो सके तो

मेरी क़िस्मत का इतना खेल बनाने वाले
क़िस्मत से मुझे बे-ख़बर कर हो सके तो

अब जान पहचान रखने से भी क्या होगा
मगर यूँही मुझे पहचाना कर हो सके तो

हम बिछड़ चुके हैं हम न मिलेंगे 'केतन'
फिर भी तू मेरा इंतिज़ार कर हो सके तो
© Ketan