...

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सिफारिश ज़िन्दगी से.....
झूठे थे सच्चे थे वो दिन ज़िन्दगी लौटा दे...
भीगी पलके लिए सो जाते है हम
कभी मुस्कुराहट के साथ हमे सुला दे....
अरसा हुआ मिले, नजरें दीदार नही कर पायीं उसकी
यादें याद आती है, ....
बातें दिल से नही जाती है....
वजह दे दे ओ खुदा वो पास आ जाये...
कसम दे दे उसे की वो वापस न जाये...
कल सब ठीक है सोच कर आज सब सह गया
दिल आधा उसके पास आधा मुझमे रह गया
फिर भी शिकायत ज़िन्दगी से नही, बस गुजारिश करती हूँ
बहाने से वो आये वापस ,बस इतनी सिफारिश करती हूँ
बस इतनी सिफारिश करती हूँ.....✍️✍️