कितना प्यारा वो चेहरा है
यादों की दहलीज़ पे जैसे
आकर कोई बैठ गया है
ऐसा लगता है जैसे की
सर्द हवाओं का पहरा है
किसकी यादों की बारिश से
तन मन मेरा भीग रहा है
दिल बेचारा क्या...
आकर कोई बैठ गया है
ऐसा लगता है जैसे की
सर्द हवाओं का पहरा है
किसकी यादों की बारिश से
तन मन मेरा भीग रहा है
दिल बेचारा क्या...