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अटूट रिश्ता

जीवन में , जिस तरह-
धूप का रिश्ता है छाँव से,
सुबह का रिश्ता है शाम से,
कली का रिश्ता है फूल से,
काँटे का रिश्ता है बचाव से।
सुख का रिश्ता है दुख से,
माँ का रिश्ता है बच्चे से,
फल का रिश्ता है फूल से,
अक्स का रिश्ता है दर्पण से।
दवाई का रिश्ता है बीमार से,
दीया का रिश्ता है बाती से,
कवि का रिश्ता है भाव से,
कलम का रिश्ता है कागज से,
पुत्र का रिश्ता है पिता से,
मानवता का रिश्ता है इंसान से,
खुशी का रिश्ता है गम से,
आत्मा का रिश्ता है परमात्मा से।
भक्त का रिश्ता है भगवान से,
स्वाद का रिश्ता है जिह्वा से,
ज्ञान का रिश्ता है शिक्षक से,
प्रणय का रिश्ता है प्रियतम से,
ठीक उसी प्रकार- कोरोना से बचाव का रिश्ता है-
मास्क, सैनिटाइजर और एक-दूसरे से 2 गज दूरी से।
डॉ अनिता शरण