#किताबें
बीन बोली कह जाती सबकुछ,
बिन शोर के रह जाती ये,
धन दौलत का ग़ुमार ना करती,
बस अमूल्य कहलाती ये,
रखे खजाना ऐसा पास,
जो लुटे ना लूट सके है कोई,
पर जो समझ सके है कया,...
बिन शोर के रह जाती ये,
धन दौलत का ग़ुमार ना करती,
बस अमूल्य कहलाती ये,
रखे खजाना ऐसा पास,
जो लुटे ना लूट सके है कोई,
पर जो समझ सके है कया,...