वही यार पुराना चाहा,,,,
जब अपनों के बेगाने लहजों ने मुझको रुलाना चाहा,,
आंखें झुका ली मैंने और आंसुओं को छुपाना चाहा,,
टूटे ख्वाब और टूटे दिल ने माजी से सदा लगाई,,
दुबारा जब आंखों ने नया ख्वाब सजाना चाहा,,
अक्ल ने कई बेहतर लोगों का साथ पेश...
आंखें झुका ली मैंने और आंसुओं को छुपाना चाहा,,
टूटे ख्वाब और टूटे दिल ने माजी से सदा लगाई,,
दुबारा जब आंखों ने नया ख्वाब सजाना चाहा,,
अक्ल ने कई बेहतर लोगों का साथ पेश...