...

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त्याग
त्याग हो रहा जो कलयुग में,
देखो इंसान कितने महान है।
उन मां पिता को भी त्याग दिया,
जिनकी वो इकलौती संतान हैं।

त्याग तो त्रेता में भी हुआ था,
किंतु पिता का वचन निभाने,
झुका नही जो कभी भी डर के,
उस रघुकुल का मान बचाने।।

तूने जोरू के कहने से त्यागा,
जूठा ना पड़े खुश रखने का वादा ।
राम ने केवल इसलिए त्यागा,
बचाने तात वचन की मर्यादा।।

राम के त्याग में थी कठिन तपस्या,
उजाला...