हाथ सदा हाथ मे हो
चला जाए ए सिल सिला।
रशम भी तुट जाए तो क्या हुआ।
हाथ सदा हाथ मे हो ।
कोन बोने गया पहाड़ी पर बीज ?
मीटी से भी फूटा अंकुर ।
फोरम बसी हर घास मे हो।
हाथ सदा हाथ मे हो।
झील के पानी मे खिला कमल।
अन्तराल मे किचड भारी हो।
हाथ सदा हाथ मे हो।
"संकेत " पंछी को किसने सिखाया।
कही प्रणय तो कही अश्रु से मोरनी दिवानी हो।
हाथ सदा हाथ मे हो।
© kavi dr.mala"sanket"
रशम भी तुट जाए तो क्या हुआ।
हाथ सदा हाथ मे हो ।
कोन बोने गया पहाड़ी पर बीज ?
मीटी से भी फूटा अंकुर ।
फोरम बसी हर घास मे हो।
हाथ सदा हाथ मे हो।
झील के पानी मे खिला कमल।
अन्तराल मे किचड भारी हो।
हाथ सदा हाथ मे हो।
"संकेत " पंछी को किसने सिखाया।
कही प्रणय तो कही अश्रु से मोरनी दिवानी हो।
हाथ सदा हाथ मे हो।
© kavi dr.mala"sanket"