BEWAJAH YE BARISHEN
कभी कुछ कहा नहीं,
कभी बातें नहीं की खुद के जज़्बातों से
फिर आज ये जज़्बात की बारिश
क्यों बरस गई आँखों से बेवज़ह इतनी ..
वजह शायद मिल गई ,
जज़्बात ठहर गए
आँखों में उनके
वो हैरां थे ...
कभी बातें नहीं की खुद के जज़्बातों से
फिर आज ये जज़्बात की बारिश
क्यों बरस गई आँखों से बेवज़ह इतनी ..
वजह शायद मिल गई ,
जज़्बात ठहर गए
आँखों में उनके
वो हैरां थे ...
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