ज़िन्दगी बटुए में………
ज़िन्दगी से लम्हे चुरा
बटुए में रखता रहा!!!
फुरसत से खरचूंगा
बस यही सोचता रहा।
उधड़ती रही जेब
करता रहा तुरपाई
फिसलती रही खुशियाँ
करता रहा भरपाई।
इक दिन फुरसत पायी
सोचा .......
खुद को आज...
बटुए में रखता रहा!!!
फुरसत से खरचूंगा
बस यही सोचता रहा।
उधड़ती रही जेब
करता रहा तुरपाई
फिसलती रही खुशियाँ
करता रहा भरपाई।
इक दिन फुरसत पायी
सोचा .......
खुद को आज...