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हुआ वही जो होना था......✍️
अभी तो मंज़र नया नया है
तुम आगे की राह चलोगे क्या
शुरू में तो जाने वाला भी निभाता है
तुम राह आगे की साथ रहोगे क्या
रिश्ते निभ जाते हैं मजबूरी में यहाँ
दिल से निभाने में मुश्किलें होगी
बातें से महज नही चलते दिल के रिश्ते भी
थोड़ी शर्तें क्या इसकी भी कुबूल होगी
कठिन तो नहीं होता सफर इश्क़ का
पर जज़्बा जुनून रखना इश्क़ का
मेरे लिए हर राह आसान नही होगी
पर मुश्किल उसे मैं समझूँ
वादा याद रखना
कि ये छोटी भूल भी मुझसे नहीं होगी
इश्क़ है मुझे तो मैं निभा लूँगी
जैसा होगा रास्ता
यक़ीन मानो मैं रास्ता बना लुंगी
पर रखना यकीन इश्क़ मेंमें
मैं हर हाल में रिश्ता निभा लुंगी
परवान की ख्वाइश नहीं मुझे
कि वह पहुँचकर तुमसे बिछड़ जाऊं
मुझे ये पथरीले रास्ते भी मंज़ूर हैं
तेरे संग हर राह हस्ते हुए सम्भल जाऊं
.......पर वक़्त गुज़रते इक अरसा ही हुआ
वक़्त से पहले खुद वो बदल गया
मैं रही मैं यहाँ....
वो कहाँ दुनिया की भीड़ में गुम गया
अब कोई वक़्त पुराना ला दे मुझे
वो हसीनबातें वो प्यारे लम्हा दे मुझे
मेरी तड़प मेरी यादें एक तरफा हो गई
वो था जो मेरा दीवाना
उसकी बातें अब सिर्फ़ बातें रह गईं
बहुत नाकाम कोशिश की मैंने
रिश्ता सम्भालने की
बटोरली सारी यादें मैंने अपने सिरहाने की
शायद वक़्त हो चला था अब अलविदा का
कोई कितना भी निभा ले
छोड़ जाने का ये दस्तूर है दुनिया का
क्या रोना क्या बिछोना
सारा रंगहीन हो गया
ज़िंदगी में जो सोचा भी नहीं
वैसा संगीन हो गया
अब क्या कहूँ कि
क्या हो गया
हुआ वही है जो इस बार हो गया.....✍️@quotes_by_shiddat
pooja yadav
© my new id please follow 🙏✍️
तुम आगे की राह चलोगे क्या
शुरू में तो जाने वाला भी निभाता है
तुम राह आगे की साथ रहोगे क्या
रिश्ते निभ जाते हैं मजबूरी में यहाँ
दिल से निभाने में मुश्किलें होगी
बातें से महज नही चलते दिल के रिश्ते भी
थोड़ी शर्तें क्या इसकी भी कुबूल होगी
कठिन तो नहीं होता सफर इश्क़ का
पर जज़्बा जुनून रखना इश्क़ का
मेरे लिए हर राह आसान नही होगी
पर मुश्किल उसे मैं समझूँ
वादा याद रखना
कि ये छोटी भूल भी मुझसे नहीं होगी
इश्क़ है मुझे तो मैं निभा लूँगी
जैसा होगा रास्ता
यक़ीन मानो मैं रास्ता बना लुंगी
पर रखना यकीन इश्क़ मेंमें
मैं हर हाल में रिश्ता निभा लुंगी
परवान की ख्वाइश नहीं मुझे
कि वह पहुँचकर तुमसे बिछड़ जाऊं
मुझे ये पथरीले रास्ते भी मंज़ूर हैं
तेरे संग हर राह हस्ते हुए सम्भल जाऊं
.......पर वक़्त गुज़रते इक अरसा ही हुआ
वक़्त से पहले खुद वो बदल गया
मैं रही मैं यहाँ....
वो कहाँ दुनिया की भीड़ में गुम गया
अब कोई वक़्त पुराना ला दे मुझे
वो हसीनबातें वो प्यारे लम्हा दे मुझे
मेरी तड़प मेरी यादें एक तरफा हो गई
वो था जो मेरा दीवाना
उसकी बातें अब सिर्फ़ बातें रह गईं
बहुत नाकाम कोशिश की मैंने
रिश्ता सम्भालने की
बटोरली सारी यादें मैंने अपने सिरहाने की
शायद वक़्त हो चला था अब अलविदा का
कोई कितना भी निभा ले
छोड़ जाने का ये दस्तूर है दुनिया का
क्या रोना क्या बिछोना
सारा रंगहीन हो गया
ज़िंदगी में जो सोचा भी नहीं
वैसा संगीन हो गया
अब क्या कहूँ कि
क्या हो गया
हुआ वही है जो इस बार हो गया.....✍️@quotes_by_shiddat
pooja yadav
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