यहाँ दाग अच्छे नही।
मतकर ऐ इंसान जुल्म एक इंसा पे,
थका हारा है वो भी जमाने भर से,
सुकून पाया था उसने छाओं मे तेरे,
करके सितम सब, दिल क्यु दुखाया था उसका तूने,
ना कर इतना की वो लग जाए देखने दाग अपने साफ किरेदार मे,
© शांत_कलम
थका हारा है वो भी जमाने भर से,
सुकून पाया था उसने छाओं मे तेरे,
करके सितम सब, दिल क्यु दुखाया था उसका तूने,
ना कर इतना की वो लग जाए देखने दाग अपने साफ किरेदार मे,
© शांत_कलम