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मेरे पिता..🙏🙏
करता हमेशा रक्षा हमारी जो ढाल बनकर,
जो रखता है हमेशा‌ छांव हम पर,
अपनी गर्जन मे भी जो है प्रेम छुपाये,
वो विस्तृत आसमान है पिता..
ताकि देख सकू मै ये दुनिया,
उससे भी ऊपर उठकर,
अपने कन्धे पे जो बिठाता है
वो दोस्त मेरे यार है पिता..
बोलते है झूठ हमेशा,
वो मेरी हार को झुठलाते है,
वो तो मुझे शेर का बच्चा बुलाते है,
वो इन्सानरूपी भगवान है पिता...
दिवाली हो या होली,
वही पुराने कपड़े जिसकी हमजोली,
पर खरीद लाता है जो सारी खुशिया मेरी,
वो अनोखा खरीददार है पिता..
जिसके होने से घर जन्नत है,
मेरी कामयाबी ही जिसकी मन्नत है,
कहते है तू चिंता मत कर,
अभी मै जिंदा हू,
अकेले ही मेरा सारा संसार है पिता..
© Jyoti Kanaujiya