Pratik
पूछो कभी उस दिन से क्यूँ था वो इतना खास?
क्यूँ थी mummy papa और सभी की आखों में एक आस।
पूछो कोई उस छोटी सी बच्ची से, जो ना सिखी थी बोलना।
उसे क्या पता था अब वो छोटी नही बनने वाली थीं बड़ी बहना।।
पूछो उस डॉक्टर से वो क्यों आया था holiday में भी hospital?
उसे क्या पता था वो भी किसी को दिखाने वाला था उसका कल।।
अब इंतजार की खत्म हुई घड़ी।
15 जून सुबह 9:30 बजे नानी लिए थे उसे खडी।।
छोटा सा बच्चा था जेसे छोटा सा बिल्ली।
आते ही चला गया दिलवालों की दिल्ली।।
आया था लेकर बहुत अच्छी किस्मत।
मिल गया हमेशा जो थी उसकी चाहत।।
उसको पसंद हैं...