...

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#Rape_women_Girl
बच्ची थी वो छोटी प्यारी
नटखट, शैतान पर थी सबकी दुलारी
आंगन में जन्मी थी वर्षों पहले
खुशियों की किलकारी ।

पर समाज की हैवानियत से अंजान थी वो
घर वालों की गुड़िया थी, सम्मान थी वो
उठा ले गया एक कोई हैवान उसे
नोंचा घसीटा होगा, किया होगा परेशान उसे।

आँख निकाली , मारा पीटा, बाँध के किसी
कोने में फेंका, कर गया बर्बरता की सारी सीमा पार
एक इंसान को यहाँ किसने दिया ये अधिकार
की लूट ले वो इज्जत किसी कि
और कर दे इंसानियत शर्मसार

उस बच्ची ने शायद कपड़े छोटे पहने होंगे
शायद तन दिखा कर घूम रही होगी
या नशे मे कहीं रात में झूम रही होगी
अरे! वो तो बच्ची थी
इन सब बातों से अंजान थी
उसे भी नहीं छोड़ा हैवान ने
इंसानियत अचंभित थी, परेशान थी।

सात-आठ साल सजा काटकर निकल बहार वो आएगा , आज वो बच्ची थी कल शिकार किसी और को बनाएगा खौफ ज़रूरी है अब मन मे उनके
नेक नहीं इरादे जिनके, उनको अब तुम सबक सिखाओं चाहे मार दो गोली, या फाँसी पे लटकाओ ।

वरना व्यर्थ है -
"बेटी पढाओ और बेटी बचाओ"