बिना बात का विरोध करते किसान
मति मारी, मार दिये खुद के लोग
लेकिन अब भी नही पता किस लिए है, सड़को पर विरोध
मंडी के गुलामी से इतना प्यार की
आज आजादी लग रही बेकार
चाहिए वही दिन तुम्हे जब
1kg का मिलता था 2 रुपये की मार
तब, सड़को पर अपना अनाज फेककर
करते थे विरोध।
अरे महान आत्मावो इसी परिस्थिति से निकालने
आया है ये 3 बिलो का महानुभाव।
डिस्क्लेमर
बिल खुद से पढ़े
कांग्रेस और कम्युनिस्ट
आपको सिर्फ मूर्ख बनाएगी
जैसा आज पूरा भारत आपको
ऐसा समझ भी रहा है।
note: डिस्क्लेमर पड़ कर दुख हुआ और किसान हो, तो थोड़ी सी शर्म करो और अपने आखों से उस तीनो बिल को पढ़ो।
© All Rights Reserved
लेकिन अब भी नही पता किस लिए है, सड़को पर विरोध
मंडी के गुलामी से इतना प्यार की
आज आजादी लग रही बेकार
चाहिए वही दिन तुम्हे जब
1kg का मिलता था 2 रुपये की मार
तब, सड़को पर अपना अनाज फेककर
करते थे विरोध।
अरे महान आत्मावो इसी परिस्थिति से निकालने
आया है ये 3 बिलो का महानुभाव।
डिस्क्लेमर
बिल खुद से पढ़े
कांग्रेस और कम्युनिस्ट
आपको सिर्फ मूर्ख बनाएगी
जैसा आज पूरा भारत आपको
ऐसा समझ भी रहा है।
note: डिस्क्लेमर पड़ कर दुख हुआ और किसान हो, तो थोड़ी सी शर्म करो और अपने आखों से उस तीनो बिल को पढ़ो।
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