जंगलराज
सरकार दुहाई है ;
कल एक हिरनी सड़क पर
खून से लथपथ कई मीलों
घिसटती हुई आई है ।
कभी झाड़ियों के पीछे ,
कभी खंडहरों में ,
कभी बसों में ,
कभी कार में ;
कलियां मुरझा रही हैं
तितलियों के पर कुचले जा रहे हैं
न्याय की तलाश में
अदालतों के चक्कर काटे जा रहे हैं।
"बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ"के
बड़े-बड़े पोस्टरों से नग्न-तन
निराश -मन ढांपे जा रहे हैं ।
बेटियां एवरेस्ट पे चढ रही हैं ,
अंतरिक्ष में...
कल एक हिरनी सड़क पर
खून से लथपथ कई मीलों
घिसटती हुई आई है ।
कभी झाड़ियों के पीछे ,
कभी खंडहरों में ,
कभी बसों में ,
कभी कार में ;
कलियां मुरझा रही हैं
तितलियों के पर कुचले जा रहे हैं
न्याय की तलाश में
अदालतों के चक्कर काटे जा रहे हैं।
"बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ"के
बड़े-बड़े पोस्टरों से नग्न-तन
निराश -मन ढांपे जा रहे हैं ।
बेटियां एवरेस्ट पे चढ रही हैं ,
अंतरिक्ष में...