...

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कुछ न कुछ देकर तो देखो..
🌻🌻मैंने एक फूल से कहा...*
कल तुम मुरझा जाओगे
फिर क्यों मुस्कुराते हो...?
व्यर्थ में यह ताजगी किसलिए लुटाते हो...?
🙏🌹🙏
फूल चुप रहा -
इतने में एक तितली आई
पल भर आनंद लिया और उड गई...
एक भौंरा आया
गाना सुनाया, सुगंध बटोरी,
और आगे बढ गया...
🙏🌹🙏
एक मधुमक्खी आई
पल भर भिनभिनाई
पराग समेटा,
और झूमती गाती चली गई...

खेलते हुए एक बालक ने स्पर्श सुख लिया, रूप-लावण्य निहारा,
मुस्कुराया और खेलने लग गया...
🙏🌹🙏
तब फूल बोला---
--- || मित्र ||
क्षण भर को ही सही
मेरे जीवन ने कितनों को सुख दिया
क्या तुमने भी कभी ऐसा किया?

कल की चिन्ता में
आज के आनंद में विराम क्यो करूँ!
🙏🌹🙏
माटी ने जो
रूप, रंग, रस, गंध दिए
उसे बदनाम क्यो करूँ!

मैं हँसता हूँ
क्योंकि
हँसना मुझे आता है,
🙏🌹🙏
मैं खिलता हूँ
क्योंकि खिलना मुझे सुहाता है,

मैं मुरझा गया तो क्या
कल फिर एक नया फूल खिलेगा
न कभी मुस्कान रुकी हैं,
ना ही सुगंध
🙏🌹🙏
जीवन तो एक सिलसिला है
इसी तरह चलेगा |

"जो आपको मिला है उस में खुश रहिये
और प्रभु का शुक्रिया कीजिए !
क्योंकि आप जो जीवन जी रहे हैं ,
वो जीवन कई लोगों ने देखा तक नहीं है । "
🙏🌹🙏...खुश रहिये...
✍ ranu
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