चाँद को मेहताब
आ तुझे तेरे किए का हिसाब देते हैं,
जो जन्नत में न मिलता होगा वो खिताब देते हैं।
कहीं पहचान न लें यार मेरे, तुझ कातिल को,
तू छुपा ले चेहरा अपना, तुझे हिजाब देते हैं।
...
जो जन्नत में न मिलता होगा वो खिताब देते हैं।
कहीं पहचान न लें यार मेरे, तुझ कातिल को,
तू छुपा ले चेहरा अपना, तुझे हिजाब देते हैं।
...