वजूद
ना मैं कोई शायर हूं💔,
ना मैं कोई कवि हूं,💔
अपना वजूद ढुढते हूं एक परछाई हूं,❤️🩹
क्या गुनाह हैं मेरा,💔
कोई तो बता दे,💔
उस खुदा को कोई तो नींद से जगा दे,❤️🩹
रोती हुई जिंदगी को,💔
कोई तो हंसा दें,💔
...
ना मैं कोई कवि हूं,💔
अपना वजूद ढुढते हूं एक परछाई हूं,❤️🩹
क्या गुनाह हैं मेरा,💔
कोई तो बता दे,💔
उस खुदा को कोई तो नींद से जगा दे,❤️🩹
रोती हुई जिंदगी को,💔
कोई तो हंसा दें,💔
...