...

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नव वर्ष
नव वर्ष तुम्हारा अभिनन्दन
कर जोड़ तुम्हें करते वंदन
आना लेकर खुशियाँ तुम
न हो अब कहीं करुण क्रंदन

सर्व प्रथम माँ का अभिनंदन
जिसने जहाँ दिखाया
कोटि कोटि फिर गुरु को वंदन
कैसे जीना है, सिखाया..

गत वर्ष गया कभी खुशी कभी गम से...