...

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इंतजार
मैं जीवन के
इस पथरीले रास्ते मे
कई दफा उलझ जाऊंगा
और सुलझने को
आवाज दुंगा कई बार
मगर तब नहीं होओगें
तुम मेरे पास
और फिर बेहताश और बेउम्मीद
होकर डूब जाऊंगा नैराश्य में
मुझे फिर इंतजार रहेगा
तुम्हारे आने का
कि तुम आओगे और मुझे
निकालोगे इस भूलभुलैया से
तुम कहीं भी रहो
कैसे भी रहो
कहीं दूर हो
बेहिसाब नाराजगी हो
तूम्हें आना होगा
मुझे हमेशा तुम्हारा
इंतजार रहेगा।।।
© Nikhil jain