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दोस्ती!!!
ऐ खुदा बहुत से रिश्ते लिखे है मेरी तकदीर में
परंतु एक रिश्ता मैंने भी लिखा है
दोस्ती, यारी जैसे अल्फाजों से सजाया है
पर उसमें हर रिश्ते की झलक को पाया है
वो बाप की फटकार और मां का दुलार
वो भाई का साथ और अपनो का प्यार
जब कोई ना होता पास
तो हर रूप में ढल कर बन जाता है खास
भले ही खून का रिश्ता ना हो
और एक दूसरे से बहुत अलग क्यों ना हो,
पर हमेशा साथ निभा जाता है
चाहे कुछ ना कहूं
पर दिल की हर बात समझ जाता है!!!
© Rinni Jain
परंतु एक रिश्ता मैंने भी लिखा है
दोस्ती, यारी जैसे अल्फाजों से सजाया है
पर उसमें हर रिश्ते की झलक को पाया है
वो बाप की फटकार और मां का दुलार
वो भाई का साथ और अपनो का प्यार
जब कोई ना होता पास
तो हर रूप में ढल कर बन जाता है खास
भले ही खून का रिश्ता ना हो
और एक दूसरे से बहुत अलग क्यों ना हो,
पर हमेशा साथ निभा जाता है
चाहे कुछ ना कहूं
पर दिल की हर बात समझ जाता है!!!
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