एक क़यामत सी जाे आज कल ढह रहा है
एक क़यामत सी जाे आज कल ढह रहा है
दिल ख्यालाे में उस पर गज़ल कह रहा है
तेरे नखरे अज़ब और तू भी गज़ब
तेरी उल्फत में दिल मेरा सब सह रहा है
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दिल ख्यालाे में उस पर गज़ल कह रहा है
तेरे नखरे अज़ब और तू भी गज़ब
तेरी उल्फत में दिल मेरा सब सह रहा है
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