...

4 views

प्रेम का परिष्कृत रूप (अतुकांत कविता )

प्रायः देखा गया है
कि पत्नियाँ ,
कभी भी प्रेमिकाओं की तरह ,
सराही नहीं जाती ........
और न ही पति ,
प्रेमियों की तरह.........

तो क्या यह मान लिया जाए
कि उनके मध्य प्रगाढ़ प्रेम नहीं होता ????

या फिर यह कहा जाए
कि गृहस्थ गणितीय समीकरण में
किसी चर पद(x) के लिए कोई स्थान ही नहीं होता....
इसलिए प्रशंसा में भी उसकी कोई झलक नहीं मिलती ..

वास्तव में ,
यह मौन मुखरित प्रेम ,
जो प्रेम नियमों से विलग ,
अल्हड़ता ,झूठे वचनों के आवरण से,
बाह्य प्रदर्शन से कहीं अधिक......

यथार्थ के धरातल पर ,अपेक्षाओं से परे,
कर्तव्यों की चादर में लिपटा हुआ,
आपसी समझ और सहनशीलता से स्थापित,
निश्चय ही, प्रेम का सबसे परिकृष्त रूप है......!!!!!!

© प्रिया ओमर
--------------------------------

#प्रिया_ओमर
#lifequotes
#प्रेम
#अतुकांत_कविता
#poetry
#प्रेमिका
#पत्नी
#lovequotes
#relationships