प्रेम का परिष्कृत रूप (अतुकांत कविता )
प्रायः देखा गया है
कि पत्नियाँ ,
कभी भी प्रेमिकाओं की तरह ,
सराही नहीं जाती ........
और न ही पति ,
प्रेमियों की तरह.........
तो क्या यह मान लिया जाए
कि उनके मध्य प्रगाढ़ प्रेम नहीं होता ????
या फिर यह कहा जाए
कि गृहस्थ गणितीय समीकरण में
किसी चर पद(x) के लिए कोई स्थान ही नहीं होता....
इसलिए...