सूरज, चांद और एक शाम
एक शाम श्याम सी, तू लड़की सावली ।
सूरज ले विदा, और चाँद अभी आया नहीं।।
सूरज जला न सके, चाँद शीतल न कर सके,
तू बेचैन हवा, कभी इधर चले, कभी उधर चले।।
तेरे वियोग मे सूरज डूबता हुआ, जलता हुआ ।
एक चाँद तेरे इंतजार में, पूरे से आधा होता हुआ।।
टूटे हुए तारे से...
सूरज ले विदा, और चाँद अभी आया नहीं।।
सूरज जला न सके, चाँद शीतल न कर सके,
तू बेचैन हवा, कभी इधर चले, कभी उधर चले।।
तेरे वियोग मे सूरज डूबता हुआ, जलता हुआ ।
एक चाँद तेरे इंतजार में, पूरे से आधा होता हुआ।।
टूटे हुए तारे से...