सच्चा प्रेम क़भी नहीं मरता
#दूर
दूर फिरंगी बन कर घूम रहा कोई,
मन बंजारा कहता है ढूंढ रहा कोई;
वृक्ष विशाल प्रीत विहार कर रहा कोई,
बरसों सें सजनी क़ा इंतजार कर रहा
हैं प्रेमी, प्रीत पिया बिन अधूरी हैं
क़ब सें समझा रहा हैं क़ोई
दुनिया जुदा करने क़ो आतुर...
दूर फिरंगी बन कर घूम रहा कोई,
मन बंजारा कहता है ढूंढ रहा कोई;
वृक्ष विशाल प्रीत विहार कर रहा कोई,
बरसों सें सजनी क़ा इंतजार कर रहा
हैं प्रेमी, प्रीत पिया बिन अधूरी हैं
क़ब सें समझा रहा हैं क़ोई
दुनिया जुदा करने क़ो आतुर...