छठवीं कक्षा की कविता
एक छोटी से ख्वाहिश है मेरी
एक छोटा सा घर होगा मेरा
अकेले सुंदर जगह पर पड़ा
रहूंगी मैं उसमे, मेरे मां-पाप भी होंगे
बचपन की यादो को उसमे...
एक छोटा सा घर होगा मेरा
अकेले सुंदर जगह पर पड़ा
रहूंगी मैं उसमे, मेरे मां-पाप भी होंगे
बचपन की यादो को उसमे...