...

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तू.......
चल उठ ,खड़ा हों,फिर चल
रास्ते में अनेक पत्थर आऐगे
लाखोंलोग तुझे सताएंगे
उनकी बातों से न जाना ठहर
उनकी पत्थर सें बना अपना रास्ता और चल
चल उठ ,खड़ा हो,फिर चल

आज अपने से प्रतिज्ञा कर
अंतिम साँस तक तू लड़
तुझे मंजूर है, इस जीवन का क्षय
पर मंजूर नहीं यहाँ पराजय
चल उठ,खड़ा हो फिर चल

आँखो में तेरे कभी आँसू न आए
हर विपत्तियो से तू विजय पाये
भगवान भी तेरे जन्म पर इतराऐं
हर कठिनाइयों का निकाल हल
चल चल उठ,खड़ा हो फिर चल

तेरे हर कथन में हो बल
तेरे वाणी में न हो कल
तू न कभी किसा से जल
तेरे चरित्रि मे न हो छल
चल चल् उठ ,खड़ा हो ,फिर चल
© @Yash Raj