...

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एक तलाश
तुम वो पलाश हो जिस की मैं सदियों से कर रहा तलाश हूँ. तुम्हारे मोतियों जैसे आँखो में मैं हज़ारों ख्वाहिशें सजोता हूँ.
तुम दूर हो पाता नहीं किस और हो. तुम्हारी तलाश में मैं समुंदर की घेराई नाप चुका हूं, हर रास्ते ढूंढता सिर्फ तुम्हारी छाप हूँ.
आज फूलों ने खिल ना छोड़ दिया है, तुम्हारी याद में हवा ने भी मुख मोड लिया है.
वापस आ जाओ मेरे सपनो को फिर सजाजो.
तुम्हारे बिना ना चलती मेरी साँस है, अगर नहीं मिली तुम अगले जन्म तक जारी रखूंगा तुम्हारी तलाश मैं