mehkti saam
अरसों बाद एक ऐसी शाम होगी
जब तुम कहीं और होगे
और मैं कहीं और
हमारे दरमियां
ढलता सूरज
लौटते हुए पंछी
घरों को लौटते राहगीर
खामोशी का आलम
सब...
जब तुम कहीं और होगे
और मैं कहीं और
हमारे दरमियां
ढलता सूरज
लौटते हुए पंछी
घरों को लौटते राहगीर
खामोशी का आलम
सब...