...

9 views

पुराने पन्ने
लम्हे जीते हैं मगर कुछ तो शराफत से अभी
नज़रें मिलती है मगर कुछ तो नफ़ासत से अभी

शाम से सहर बदलती ये बताये कैसे
सब्र की बांध दरकती ये ज़तायें कैसे ...