इस दिल को अब राहत नहीं है .....
आज मेरी तन्हाई देख के
दीवारें भी बोल पड़ी मुझसे
की तु आज इतना उदास क्यों है
जो चला गया तुझे छोड़ कर
वो तेरे लिए इतना खाश क्यों है
तु जो रो रही है उसके लिए
वो तो तुझे याद भी नहीं करता
जो अपना समझ रही है तु उसे
इस तन्हाई मे वो तेरे पास क्यों नहीं है
उसे तो मालूम है
की उसके सिवा तेरा कोई नहीं है
उसके बगैर...
दीवारें भी बोल पड़ी मुझसे
की तु आज इतना उदास क्यों है
जो चला गया तुझे छोड़ कर
वो तेरे लिए इतना खाश क्यों है
तु जो रो रही है उसके लिए
वो तो तुझे याद भी नहीं करता
जो अपना समझ रही है तु उसे
इस तन्हाई मे वो तेरे पास क्यों नहीं है
उसे तो मालूम है
की उसके सिवा तेरा कोई नहीं है
उसके बगैर...