आज फिर........
आज फिर गली से गुजर रही थी वो ,
कांधे पर बस्ता, दिल में उमंग लिए जा रही थी वो।
ना घर की चिंता ना जहां की ,
अपनी ही मस्ती में चूर चली जा रही थी वो।
सोचा आज इससे पूछ ही लेती हूं ,किस स्कूल में जा रही है वो।
पर उसके लिए स्कूल कहां मायने रखता,
क्योंकी अपने सपने सच करने जा रही थी वो।
कांधे पर बस्ता, दिल में उमंग लिए जा रही थी वो।
ना घर की चिंता ना जहां की ,
अपनी ही मस्ती में चूर चली जा रही थी वो।
सोचा आज इससे पूछ ही लेती हूं ,किस स्कूल में जा रही है वो।
पर उसके लिए स्कूल कहां मायने रखता,
क्योंकी अपने सपने सच करने जा रही थी वो।