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बरसात और मोहब्बत
बरसात और मोहब्बत का एक अलग सा नाता है
दोनों की ही खुश्बू रूह मैं आकर समा जाती हैं

मोहब्बत बस इंसानी रिश्तों की मोहताज नहीं होती
मोहब्बत तो किसी भी वस्तु से हो जाती हैं
जैसे एक कलाकार को कला से होती है
एक लेखक को मोहब्बत कलम से होती है

बरसात के ज़िक्र से मेरे मन में एक ही ख्याल आता है
कुछ लिख दु अपनी मोहब्बत कलम के बारे में

बरसात की बूंदे ज़मीन को छू कर जितनी खुशियां मनाती है
मेरे ख्यालों को कलम कागज़ पर उतार कर उतनी ही खुशी जताती है

बरसात की खुशबू जिस तरह मन को खुश करती हैं
उतनी ही खुशी जाहिर करती है मेरी कलम से झलकती बाते

मंजर रोहित वो कितना खूबसूरत होता है जब बरसात की बूंदे धुन सुनाती है
बरसात की बात करू तो शायद मेरी कविता का आखरी पड़ाव आए
कलम उतारती रहेगी मेरे नैनो की बाते
सदियों तक बीना ख़ुद को रोके...!!!!

मेरी मोहब्बत ऐसी हों
जिसका नाम कल्पना हों...!!!
© lotus

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