...

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गहराई
सतह से उतरे कोई तो गहराई देखे।
वो देखे आईना तो हम भी देखें।
ढूंढती है दुनिया मेरे कदमों के निशां।
हों उनके गिरेबाँ साफ तो हम भी देखें।
खुदगर्जी की दुकान अहले वफ़ा की तलाश
हो उनकी वफ़ा पाक तो हम भी देखें
वीसाल ए यार ही काफी है गर इश्क में
इस दुनिया का सरताज खुद को हम भी देखें
Ranjitsingh
© ranjitsingh