कतरा कतरा बिखर रही थी मैं..!!
उसको पहली बार देखकर ही
मेरा दिल रुक-सा गया था
लेकिन कायनात की शाजिसो से
थोड़ा-सा बच रही थी मैं,
पता था मुझे कभी मुकम्मल
नही होगी मेरी ख्वाहिशें
फिर भी उसके करीब
धीरे-धीरे बढ़ रही थी मैं,
उसके चाहत में मेरा दिल
सारी हदों को पार कर चुका था
इसलिए सारी दुनिया से
अपना मुंह मोड़ रही थीं मैं,
उस परवाने की दिवानगी ने
मुझे...
मेरा दिल रुक-सा गया था
लेकिन कायनात की शाजिसो से
थोड़ा-सा बच रही थी मैं,
पता था मुझे कभी मुकम्मल
नही होगी मेरी ख्वाहिशें
फिर भी उसके करीब
धीरे-धीरे बढ़ रही थी मैं,
उसके चाहत में मेरा दिल
सारी हदों को पार कर चुका था
इसलिए सारी दुनिया से
अपना मुंह मोड़ रही थीं मैं,
उस परवाने की दिवानगी ने
मुझे...