बेटी की बलि चढ़ाएगी तो बहू कहाँ से लाएगी
एक रात मासूम परी ने, अपनी माँ का हृदय टटोली,
सपने में आकर अपनी माँ से, करुण स्वर में बोली।
माँ मुझे भी तो जीना है, मुझे तुम क्यों भगाती हो,
ममता की इस राह में, मेरी बली क्यों चढ़ाती हो।
मैं इक नन्हीं सी जान, तेरे कलेजे का टुकड़ा हूँ माँ,
मुझे इस दुनिया में लाने से, क्यों तुम ...