निशब्द
निशब्द
आज मैं निशब्द हूं
संसार में हो रहे हैं
कई घिनित घटना
जिसके लिए हम कुछ नहीं कर पाते हैं
पर अपने विचार व्यक्त करते हैं
कि ऐसा वैसा सरकार को करना चाहिए था
क्यों नहीं हम सब अपने आप को समर्थन कर खुद के अंदर देख क्या कमी है दूर करे।
और ऐसे दुष्कर्मों को होते देख आसपास के लिए आवाज़ उठाएं स्वयं ना की होती देख आंखें बंद कर वहां से चल जाए।
हमारी सोच इतनी घनित हो चुकी है कि अब हम अपनी...
आज मैं निशब्द हूं
संसार में हो रहे हैं
कई घिनित घटना
जिसके लिए हम कुछ नहीं कर पाते हैं
पर अपने विचार व्यक्त करते हैं
कि ऐसा वैसा सरकार को करना चाहिए था
क्यों नहीं हम सब अपने आप को समर्थन कर खुद के अंदर देख क्या कमी है दूर करे।
और ऐसे दुष्कर्मों को होते देख आसपास के लिए आवाज़ उठाएं स्वयं ना की होती देख आंखें बंद कर वहां से चल जाए।
हमारी सोच इतनी घनित हो चुकी है कि अब हम अपनी...