मैं।
हर रोज़ ही मैं टूटती हूँ
हर रोज़ बिखर सी जाती हूँ
इस बीच मैं हज़ारों बार
खुदा से शिकायत भी कर जाती हूँ,
दिल मेरा सवाल ये करता है
क्यों मेरे साथ ही ये सब होता है?
मेरी ये बातें सुन
खुदा मुझ से मेरा ये कहता है
तू टूटती...
हर रोज़ बिखर सी जाती हूँ
इस बीच मैं हज़ारों बार
खुदा से शिकायत भी कर जाती हूँ,
दिल मेरा सवाल ये करता है
क्यों मेरे साथ ही ये सब होता है?
मेरी ये बातें सुन
खुदा मुझ से मेरा ये कहता है
तू टूटती...