क्यूं?
तुम्हारी उन झूठी बातों ने मुझे कुछ इस तरह तोड़ा था ।
की
तुम्हारी उन झूठी बातों ने मुझे कुछ इस तरह तोड़ा था ।
की अब किसी की सच्ची बातो पे भी भरोसा करने से डर लगता हैं।
प्ता है ,आज भी तुम याद आते हो मगर आज ,तुम्हारा नफरत से जादा तुम्हारी प्यार सताती है।
की
तुम्हारी उन झूठी बातों ने मुझे कुछ इस तरह तोड़ा था ।
की अब किसी की सच्ची बातो पे भी भरोसा करने से डर लगता हैं।
प्ता है ,आज भी तुम याद आते हो मगर आज ,तुम्हारा नफरत से जादा तुम्हारी प्यार सताती है।