...

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गज़ल- मोहब्बत होने लगी है।
मोहब्बत होने लगी है, आकर संभालो मुझको।
इस हसीं नशे से, अब कोई तो निकालो मुझको।

करना है अब क्या, ये तो फ़ैसला है तुम्हारा
खो नहीं सकते अगर, तो पा लो मुझको।

हासिल कुछ ना होगा, तुमको जवाबों से मेरे
अकेला छोड़ दो कभी तो, सवालों मुझको।

तेरी जुदाई से मंद पड़ने लगीं हैं, धड़कने मेरी
चाहते हो अगर ना मरूं, तो बचालो मुझको।

पहुंच जाएं मेरे हाथ, शायद मुकद्दर तक
सिक्के की तरह दोस्तों, उछालों मुझको।
© वरदान