चिकित्सा
हर बात पर चिकित्सा करता है मन
किंतु कभी नहीं होता है आत्म मगन
इस चिकित्सक वृत्ति से पहले था
अच्छा था वो आदिम युग का दामन
क्षेत्र थे उस वक्त भी बंटे हुए लेकिन
दायरें रहते थे आपस में जुड़े हुए
आज़ के युग जैसे नहीं थे लोग
एक दूसरे के मुंह बेमतलब मुड़े हुए
खिलखिलाया करता था रोज़ चमन
अच्छा था वो आदिम युग का दामन
ऋतूए भी थीं अपने अपने समय पर आतीं
समय होने पर अपने आप चलीं जाती
आज़ तो बरसात भी होती है जाड़े में
और सुखा पड़ता कि बरसात के अखाड़े में
वो ही दिन थे आदिमानव के पावन
अच्छा था वो आदिम युग का दामन
_"पहल" अमोघ (महाराष्ट्र)
किंतु कभी नहीं होता है आत्म मगन
इस चिकित्सक वृत्ति से पहले था
अच्छा था वो आदिम युग का दामन
क्षेत्र थे उस वक्त भी बंटे हुए लेकिन
दायरें रहते थे आपस में जुड़े हुए
आज़ के युग जैसे नहीं थे लोग
एक दूसरे के मुंह बेमतलब मुड़े हुए
खिलखिलाया करता था रोज़ चमन
अच्छा था वो आदिम युग का दामन
ऋतूए भी थीं अपने अपने समय पर आतीं
समय होने पर अपने आप चलीं जाती
आज़ तो बरसात भी होती है जाड़े में
और सुखा पड़ता कि बरसात के अखाड़े में
वो ही दिन थे आदिमानव के पावन
अच्छा था वो आदिम युग का दामन
_"पहल" अमोघ (महाराष्ट्र)