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पुष्पों की महक
#पुष्पों_के_गुप्त_रहस्य
समय की धारा में बहते एक राही,
देखा था एक अद्भुत सा पुष्प सही।
सूंघा था मैंने उसकी खुशबू को,
मन हुआ उसकी सुंदरता में खो।
जीवन के ताप में भी वह खिला करता,
आंधियों में भी वह दीप्ति फैलाता।
पुष्पों के गुप्त रहस्य, अनजान,
बना जाते हैं वे मनुष्य के प्राण।
उनकी मिठास जैसे जीवन की धारा,
खिलते हैं जैसे सपनों की बारात।
फूलों की महक से जीवन में आती है,
खुशियों की बहार जग में लाती है।
© Aniruddha Bodade
समय की धारा में बहते एक राही,
देखा था एक अद्भुत सा पुष्प सही।
सूंघा था मैंने उसकी खुशबू को,
मन हुआ उसकी सुंदरता में खो।
जीवन के ताप में भी वह खिला करता,
आंधियों में भी वह दीप्ति फैलाता।
पुष्पों के गुप्त रहस्य, अनजान,
बना जाते हैं वे मनुष्य के प्राण।
उनकी मिठास जैसे जीवन की धारा,
खिलते हैं जैसे सपनों की बारात।
फूलों की महक से जीवन में आती है,
खुशियों की बहार जग में लाती है।
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