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दोस्त हैं वो हमारे
दोस्त हैं वो हमारे जो बिन बुलाए चले आयें।
क्या बना आज खाने में हक़ जताकर खाएँ।।
दोस्त है वो हमारे, जो बिन कहे फर्जी में ही हँसाये।
कितना भी दुःखी हो मन से आकर तब भी सताएँ।।
दोस्त हैं वो हमारे जो, बिन बोले छीन ले जायें।
खुद हो गर जरूरत एक पैर पे दौड़े चले आएं।।
दोस्त हैं वो हमारे जो मौक़ा पाते खिल्ली उड़ाए।
मायूस हुए जरा से भी गर,तो प्यार बहुत जताएं।।
दोस्त हैं वो हमारे जो, बिना बात के चर्चा चलायें।
कितना भी मना करों बे मतलब बातों में घुस जाएं।।
रुलाकर हँसाना फिर रुलाना, ये कितने कमीने हैं।
पल में लड़ाई, पल में मेल, न जाने कितने बुने हैं।।
हम कहें तो चिढ़ जाते, पर अपनी कभी न गिने हैं।
नाराज़ नही होते,पता नही ये किस मिट्टी के बने हैं।।
कर दे गर हालत दर्द ए बयाँ तब भी मजाक बनाये।
पहले दे नसीहत ढेरो फिर, प्यार से मरहम लगाएं।।
सच मे जो दोस्त हैं हमारे, हर ग़म में साथ निभाएं।
हर दिन मिलते रहें ऐसे ही, बस यही दुआ मनाएं।।
#friends
#poetry
#life
#alok5star
© ALOK Sharma...✍️
क्या बना आज खाने में हक़ जताकर खाएँ।।
दोस्त है वो हमारे, जो बिन कहे फर्जी में ही हँसाये।
कितना भी दुःखी हो मन से आकर तब भी सताएँ।।
दोस्त हैं वो हमारे जो, बिन बोले छीन ले जायें।
खुद हो गर जरूरत एक पैर पे दौड़े चले आएं।।
दोस्त हैं वो हमारे जो मौक़ा पाते खिल्ली उड़ाए।
मायूस हुए जरा से भी गर,तो प्यार बहुत जताएं।।
दोस्त हैं वो हमारे जो, बिना बात के चर्चा चलायें।
कितना भी मना करों बे मतलब बातों में घुस जाएं।।
रुलाकर हँसाना फिर रुलाना, ये कितने कमीने हैं।
पल में लड़ाई, पल में मेल, न जाने कितने बुने हैं।।
हम कहें तो चिढ़ जाते, पर अपनी कभी न गिने हैं।
नाराज़ नही होते,पता नही ये किस मिट्टी के बने हैं।।
कर दे गर हालत दर्द ए बयाँ तब भी मजाक बनाये।
पहले दे नसीहत ढेरो फिर, प्यार से मरहम लगाएं।।
सच मे जो दोस्त हैं हमारे, हर ग़म में साथ निभाएं।
हर दिन मिलते रहें ऐसे ही, बस यही दुआ मनाएं।।
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