शौक
कभी बेवजह ही,
मान गए,
कभी न चाहते हुए भी,
मना लिया,
कुछ दुश्वारियों को,
पार पा लिया,
कुछ मजबूरियों को ,
शौक बना लिया,
थोड़ा सा,
झुक गए तो,
कुछ रिश्तों को,
टूटने से,
बचा लिया।
- राजेश वर्मा
© All Rights Reserved
मान गए,
कभी न चाहते हुए भी,
मना लिया,
कुछ दुश्वारियों को,
पार पा लिया,
कुछ मजबूरियों को ,
शौक बना लिया,
थोड़ा सा,
झुक गए तो,
कुछ रिश्तों को,
टूटने से,
बचा लिया।
- राजेश वर्मा
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