...

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zaruri tha
देख के मुझे तेरा मुस्कुराना ज़रूरी था
तेरा मुझसे दिल लगाना ज़रूरी था

खिलौना था भी मैं अगर
क्या नज़रों से गिराना ज़रूरी था

तेरे इश्क़ में क्या क्या लाज़मी था
तेरे लिए मैं क्या आदमी था

जरूरतों के लिहाज़ में मेरा हारना ज़रूरी था
तुझसे बिछड़ कर मेरा आग पे चलना ज़रूरी था