प्रेम...
दुनिया में कभी-कभी लगता है कि
प्रेम में जितना जान लिया
उतना ही काफ़ी है
और जानना
कही बचे-खुचे को भी
नष्ट न कर दे
क्यू कि अमृत तो एक ही बार पीने
की चीज है
इसलिए प्रेम में जो मिला
सुख दुख प्यार और दर्द
ज़िंदगी जीने के लिए
काफ़ी है
क्यू कि प्रेम की बहुमुल्य यादें
कभी धूधली नही पड़ती...✍
jaswinder chahal
23/10/2024
© All Rights Reserved
प्रेम में जितना जान लिया
उतना ही काफ़ी है
और जानना
कही बचे-खुचे को भी
नष्ट न कर दे
क्यू कि अमृत तो एक ही बार पीने
की चीज है
इसलिए प्रेम में जो मिला
सुख दुख प्यार और दर्द
ज़िंदगी जीने के लिए
काफ़ी है
क्यू कि प्रेम की बहुमुल्य यादें
कभी धूधली नही पड़ती...✍
jaswinder chahal
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