...

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धूल
चलो छिपा है जो-उस रिश्ते को फिर से ढूंड लाये-बहुत धूल जमी है अरसे से-आज-एक ज़ोर की फूंक लगाएं-ज़ीद्दी सही ये धूल भले-खोने को क्या बाकी है-जो हम तुम इस कोशिश से कतराएं -