तकलीफ़ सज़ा बन जाती है।
तकलीफ़ सज़ा बन जाती है,
कोई सुनने वाला ना हो तो,
तकलीफ़ सज़ा बन जाती है,
जब इंसान खुदको अकेला मेहसूस...
कोई सुनने वाला ना हो तो,
तकलीफ़ सज़ा बन जाती है,
जब इंसान खुदको अकेला मेहसूस...